॥ संहारकाली ॥

 

अंजनाद्रिनिभां देवीं  श्मशानालयवासिनीम् ।रक्तनेत्रां मुक्तकेशीं शुष्कमांसति भैरवाम् ॥।   पिंगाक्षीं वामहस्तेन मद्यपूर्णं समांसकम्  ।          सद्य: कृत्तशिरो दक्षहस्तेन दधतीं शिवाम् ॥  स्मितवक्त्रां सदाचाममांसचर्वणतत्पराम्  नानालंकारभूषाङ्गीं  नग्नां मत्तां सदासवै : ॥

A List of lost gANapatyAgamas

Following is a list of some gANapatyAgamas based on some traditional gAnpatya sources like vinAyaka tantraM , gaNapatI pujA paddhatI . All most all texts mentioned in this list are lost. But tradition thankfully preserved there names . 

(1) gaNESha yAmala   

(2) siddhi yAmala

 (3) buddhi yAmala 

(4) siddhishvaraM 

(5) siddhisAraM 

(6) buddhisAraM 

(7)buddhisArasvataM 

(8) gaNeshamarShiNI 

(9) vaktratuNDataNtraM-rudrayAmala * {claimed to be survived under both shAkta and  gANpatya  tradition but no (critical)edition yet.}

(10)  mahAgaNapatitaNtraM-rudrayAmala  *{ claimed to be survived under both shAkta and  gANpatya  tradition but no (critical) edition .} (11)uchChiShTagaNapatitaMtraM-rudrayAmala * {claimed to be survived under both shAkta and  gANpatya  tradition ,}

 (12)DhauNDtaMtraMvAmamArgItaNtra }*it was related to  vAmamArga practices of gAnaptyAs. 

॥ सरलशिवपूजाप्रयोग: ॥

साधक शुद्ध वस्त्र पहनकर शास्त्र विहित आसान पर बैठे । आधारशक्ति कमलासनाय नमः कहकर आसान का पूजन करे । 
शिवाय नमः  इस मंत्र से भस्म के त्रिपुण्ड्र सर ,कण्ठ ,ह्रदय ,दोनों बाहुओं और नाभि पे धारण करे । 
शिवाय नमः इस मंत्र से रुद्राक्ष की माला वा एक रुद्राक्ष या एक से ज्यादा रुद्राक्ष धारण करे ।
शिवाय नमः कहकर  तीन बार आचमन करे । शिवाय नमः कहकर तीन बार प्राणायाम करे । 
शिवाय नमः कहकर शैव पवित्र वा स्मार्त पवित्र वा सोने /चाँदी/ताम्बे की अंगूठी (बिना नग वाली ) ।  फिर शिव पूजा का संकल्प करे ।

निम्न मन्त्र से आवाहन करे । ( अगर प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठित हो तो यहाँ पुष्पांजलि देवे )

शूलपाणये नमः आवाहनं समर्पयामि ॥
निम्न मंत्र से पुष्प वा दर्भ का आसान समर्पित करे । 
पिनाकधृषे नमः आसनं समर्पयामि ॥
निम्न मंत्र से लिंग के उर्ध्वभाग पर  अर्घ्य समर्पित करे । 
भवोद्भवाय नमः अर्घ्यं समर्पयामि ॥ 
निम्न मंत्र से आचमनीय जल  समर्पित करे । 
वामदेवाय नमः आचमनीयं समर्पयामि ॥  
निम्न मन्त्र से मधुपर्क समर्पित करे ।
ज्येष्ठाय नमः मधुपर्कं समर्पयामि ॥ 
निम्न मन्त्र से दुग्ध का स्नान करावे । 
ईश्वराय नमः पय:स्नानं समर्पयामि ॥ 
निम्न मन्त्र से दही का स्नान करावे ।
शिवाय नमः दधिस्नानं समर्पयामि ॥ 
निम्न मन्त्र से घृत का स्नान करावे ।
गिरिशाय नमः घृतस्नानं समर्पयामि ॥
निम्न मन्त्र से मधु(शहद) का स्नान करावे ।
उमाधवाय नमः मधुस्नानं समर्पयामि॥              निम्न मन्त्र से शर्करा का स्नान करावे ।
शिवाय नमः शर्करा स्नानं समर्पयामि ॥
जल से अभिषेक करे ।
महेश्वराय नमः अभिषेकं समर्पयामि ॥
निम्न मन्त्र से दो श्वेत वस्त्र वा दो श्वेतसूत्र वा अक्षत समर्पित करे । 
श्रेष्ठाय नमः वस्त्रं समर्पयामि ॥ 
निम्न मंत्र से यज्ञोपवित (जनेऊ ) समर्पित करे ।
रुद्राय नमः उपवीतं समर्पयामि ॥  निम्न मंत्र से चन्दन समर्पित करे ।
कालाय नमः चन्दनं समर्पयामि ॥ 
निम्न मंत्र से अक्षता समर्पित करे ।
कलविकरणाय नमः अक्षता समर्पयामि ॥  
निम्न मंत्र से आँकड़े (अर्क)तथाधतूरे(,धर्तूर)के ,गेंदे (शतपत्र) ,गुलाब (पाटलपुष्प) इत्यादि के पुष्प समर्पित करे ।
बलविकरणाय नमः पुष्पं समर्पयामि ॥
निम्न मंत्र से बिल्व पत्र सर्मपित करे ।
बलविकरणाय नमः बिल्वपत्रंसमर्पयामि ॥ 
निम्न मंत्र से धुप सर्मपित करे ।
बलाय  नमः धूपं समर्पयामि ॥ 
निम्न मंत्र से घी का ( तैल का निषेध ) दीपक सर्मपित करे ।
बलप्रमथाय नमः दीपं समर्पयामि ॥
निम्न मंत्र से शुद्ध यथाशक्ति नैवेद्य समर्पित करे  ।
सर्वभूतदमनाय नमः नैवेद्यं समर्पयामि ॥ 
निम्न मंत्र से आचमनीय जल समर्पित करे ।
मनोन्मनाय नमः आचमनीयं समर्पयामि ॥
निम्न मंत्र से मध्यपानीय जल समर्पित करे ।
मनोन्मनाय नमः मध्येपानीयं समर्पयामि ॥
निम्न मंत्र से उत्तरापोशनं समर्पित करे ।
मनोन्मनाय नमः उत्तरापोशनं समर्पयामि ॥ 
निम्न मन्त्र से ताम्बूल समर्पित करे । 
शम्भवे नमः ताम्बूलं समर्पयामि ॥ 
शम्भवे नमः दक्षिणां समर्पयामि ॥ 
शङ्कराय नमः फलं समर्पयामि ॥ 

शङ्कराय नमः प्रदक्षिणां समर्पयामि ॥     शङ्कराय नमः उत्तरनीराजनं समर्पयामि ॥भवानीशंकराय नमः मन्त्रपुष्पञ्जलिं  समर्पयामि ॥ शम्भवे नमः नमस्कारान् समर्पयामि ॥        यस्यस्मृति ० ॥

UpAsanamurthY of bhagavatI kAlI 

1UpAsanamurthy  of  kAlI  according to  jayaDRaTha yAmala are :-

1) damBara kAlI 
2) gaHnEshwarI kAlI
3) ektArA 
4) chaNDashAbarI
5) vajRavatI 
6) rakshA kAlI 
7) IndIvarI kAlI
8) DhandA 
9) ramaNyA 
10) IshAna  kAlI 
11) mantramAtA 

According to sammohana Tantra following are 7 UpAsanamurthy of kAlI  :-
1) spaRshamaNI kAlI
2) chiNtAmaNI kAlI
3) siDDha kAlI
4) vidyArAgyI kAlI
5) kAmakalA kAlI
6) haMsa kAlI
7) guHya kAlI

According to puraShachaRyANava following are 8 UpAsanamurthy of kAlI :-
1) dakshINA kAlI 
2) BhaDRa 
3) ShamShAna 
4) kAmakalA 
5) guHya kAlI 
6) Dhana kAlI
7) siDDhI kAlI
8) chaNda kAlI

Following are different kramas of different schools ( sampradAya)  of kAli kula :-
1) kAdI krama 
2) kRODha krama 
3) hAdI krama 
4) vAgAdI kramas 
5) nAdi krama 
6) dAdI krama 
7) pranvAdI krama 

॥ स्थितिकाली ॥ 


​ब्रह्माविष्णुश्चरुद्रश्चईश्वरश्चसदाशिव: । एतेषां चतु:पादस्था भुवनेशी विराजते ॥ तस्य नाभिकमले तु महाकालेन लालिता । आद्या चित्परा काली पूर्णब्रह्मस्वरूपिणी ॥