इस यन्त्र का विवरण हनुभैरवकल्प में प्राप्त होता हैं ।हनुभैरवयन्त्र में श्रीहनुभैरव की पूजा पांच आवरणों के साथ की जाती हैं । मृत्युजयभट्टारक के अनुसार अष्टपुष्टिकासनों तथा प्रेतासन की पीठपूजा की जाती हैं । इस यंत्र में बीजमंत्रों का भी लेखन किया जाता है तभी यह पूर्ण होता हैं । परम्परा की गोपनीयता के कारण उन बीजों का यहां उल्लेख नहीं किया जा रहा हैं । अस्तु ….।

Sir,
please inform about the Atharvavediya Kalashsthapan and Panchgavya shodhan mantras. Regards
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Namaste ,
Soon I will write a post about it .
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