भगवती कालसंकर्षिणी, गुरुमण्डल एवं साधक समाज के आपर अनुग्रह से कालीक्रमप्रचारिणी सभा द्वारा अपने तुरीय तथा तुरीयातीत पुष्प के रूप में ‘उमायामलोक्त सिद्धलक्ष्म्यार्चनपद्धतिः’ तथा
‘श्रीशिखास्वच्छन्दभैरवरहस्यम्’ का प्रकाशन किया गया है।
१. उमायामलोक्त सिद्धलक्ष्म्यार्चनपद्धतिः
इस ग्रन्थ में उमायामल पर आधारित भगवती सिद्धलक्ष्मी के पूजाविधान का संकलन किया गया है। पुस्तक में सिद्धलक्ष्मी के दुर्लभ मंत्र, यन्त्र, ध्यान, स्वरुप, आवरणपूजा, नित्यपूजाविधि तथा होमविधि का संकलन किया गया है। नवीन साधकों के लिए सरल सिद्धलक्ष्मी पूजा विधान भी दिया गया है। साथ ही सिद्धलक्ष्मी मन्त्र कल्पम्, सिद्धलक्ष्मीपुष्पार्पण कल्पम्, सिद्धलक्ष्मी गद्यम्, सिद्धलक्ष्मी त्रैलोक्यमोहन कवचम्, सिद्धलक्ष्मी प्रत्यङ्गिरा स्तोत्रम् आदि दुर्लभ स्तोत्रों का संकलन किया गया है।
२. श्रीशिखास्वच्छन्दभैरवरहस्यम्
इस पुस्तक में रुद्रयामल के अन्तर्गत आने वाले
श्रीशिखास्वच्छन्दभैरव कल्प के आधार पर श्रीशिखा स्वच्छन्दभैरव के मंत्र, यन्त्र, ध्यान, स्वरुप, आवरणपूजा, नित्यपूजाविधि तथा होमविधि का संकलन किया गया है। साथ ही स्वच्छन्दभैरव से संबंधित कई दुर्लभ स्तोत्रों का संकलन किया गया है।
अनुवादित स्तोत्र:
स्वच्छन्दभैरव वक्त्र स्तोत्रम्, जयद्रथयामलोक्त भैरव स्तोत्रम्, श्रीमतोक्त भैरव स्तोत्रम् आदि ।
मूल स्तोत्र:
श्रीशिखास्वच्छन्दभैरव स्तोत्रम्,
श्रीशिखास्वच्छन्दभैरव कवचम्,
श्रीशिखास्वच्छन्दभैरवाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्,
अघोरस्वच्छन्दभैरवदण्डकम्,
आचार्य क्षेमराज कृत भैरवानुकरण स्तोत्र,
आचार्य अभिनवगुप्त कृत भैरवस्तोत्रम् आदि।
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पण्डित अनिमेष नागर
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